polycystic ovary syndrome:- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS की परेशानी ऐसी होती हैं, जो अक्सर 18 से 40 उम्र के ही महिलाओं में ही देखने मिलता हैं, और आज कल यह प्रॉब्लम तेज़ी से बढ़ रहीं हैं, जो महिलाओं में होने वाली यह समस्या बहुत कॉमन हो गयी हैं। पीसीओएस की वजह से महिलाओं कि ओवरी में एग्ज समय से ही पहले रिलीज होने लग जाते हैं, जिसके कारण एग्ज गांठ में या सिस्ट (Cyst) जैसे परेशानी में बदलने लगते हैं। जिसके कारण महिलाओं में बालों का झड़ना, पीरियड्स से जोड़ी परेशानी, और प्रेगनेंसी को कंसीव करना मुश्किल हो जाता हैं।पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक ऐसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या होती है।,जो महिलाओं के अंडाशय (ovaries) के विकास में असमानता को पैदा करती हैं। इसका कारण है
हार्मोनल बदलाव और हार्मोनल का सही नहीं होना। जिसके कारण अनेवजा अंडाशय के रिलीज होते हैं। और इसके कारण महिलाओं को हाइपर अंड्रोजनिया (अत्यधिक मानवीय या पुरुष लिंग अंगों के अंश) और कोई दूसरे (संक्रमणों) infections की संभावना परेशानी होती है। और इतना ही नही यह मासिक (monthly) प्रॉब्लम होने के साथ – साथ शरीर में ज्यादा बालों का आना या चहरे में बालों का अधिक आना, बहुत ज्यादा पिंपल (हिर्सुटिज्म) , और इसके साथ वजन का बढ़ जाना या अधिक कम हो जाना जिसे कंट्रोल करना मुस्किल हों जता हैं, और इन वजह से इंफर्टिलिटी जैसी समस्याओं का कारण बन सकते है।
व्यावसायिक चिकित्सा से तुरंत और एक ही जगह पर निदान किया जा सकता है, जिससे कि रोग का कारण, प्रकार, और उपचार ,इलाज़ को सही तरीके से किए जा सकते हैं। यह patient (रोगी)को ठीक होने में मदद करता है, और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद होता है। और इसके साथ सही इलाज़, सही योगा और सही medicine दावा का उपयोग भी शामिल होती हैं।
PCOS से प्रभावित महिलाओं में रात में अलग-अलग प्रकार लक्षण हो सकते हैं।
जैसे कि:-
1.Sleep apnea (स्लीप एप्निया):- यह एक बहुत ही गंभीर समस्या हो सकती है, जिसमें रात के दौरान ठीक से सांस नहीं ली जाती सांस लेने में परेशानी होती रहती हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। जैसे कि रात में खर्राटे लेना या हवा के लिए हांफना, हमारे शरीर के लिए नींद का पूरा होना बहुत ही ज़रूरी हैं, उसके बाद भी सुस्ती आना,थकान महसूस हों, बार- बार नींद आना , रात में नींद नहीं आना बार- बार जागना।
2.Sleep insecurity (नींद की असुरक्षा):– PCOS (पीसीओएस) के कारण महिलाओं को रात में अक्सर नींद से बार बार उठ जाना नींद टूटने का महसूस हो सकती है, जिससे उन्हें नींद की समस्या हो सकती है।
3.Irregular sleep problems(अनियमित नींद की समस्या):- रात में अक्सर नींद का आना अपने कंट्रोल ना होना या आपको सोने में या सोते रहने से परेशानी होना भी पीसीओएस के लक्षण हो सकता है।
4.Excess or lack of sleep (नींद की अधिकता या कमी):- कुछ महिलाओं को पीसीओएस के कारण बहुत अधिक नींद आती है, जबकि वही दूसरों महिलाओं को कम नींद की समस्या हो सकती है।
स्लीप एप्निया का रिस्क ,आख़िर क्यों PCOS में बढ़ जाता हैं। (Why does the risk of sleep apnea increase in PCOS)
(Hormonal imbalance) हमारे शरीर में असंतुलन हार्मोन्स का होना
पीसीओएस में अधिक ( androgens) एंड्रोजन और कम (low progesterone levels) प्रोजेस्ट्रोन के स्तर स्लीप एप्निया के खतरे को बढ़ा सकते हैं। और एंड्रोजन का अधिक स्तर विशेष रूप से मर्दों में स्लीप एप्निया के लिए एक कारण हो सकता है। और इसके अलावा, प्रोजेस्ट्रोन की कमी भी स्लीप डिसऑर्डर को बढ़ा सकती है।
(Type 2 Diabetes)
मोटापा, नींद की कमी, और स्ट्रेस जैसी स्थितियां PCOS से जुड़ी हो सकती हैं। और ये सभी टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क बढ़ा सकती हैं। मोटापा और इंसुलिन के स्तर का असंतुलन डायबिटीज के लिए महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, जबकि अच्छी नींद और स्ट्रेस का प्रबंधन भी इस रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है।
(Risk of heart diseases)हार्ट से जोड़ी परेशानी
महिलाओ में नींद की कमी के कारण स्ट्रेस और इंफ्लेमेशन बढ़ सकती है, जो हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ाता है। इसके अलावा, नींद की कमी से ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है, जो हार्ट स्वास्थ्य को हानि कर सकता है। नींद की समय पूरी तरह से मिलने की सलाह दी जाती है ताकि इन समस्याओं का सामना किया जा सके। योग, ध्यान, और सही लाइफस्टाइल बदलाव भी मददगार हो सकते हैं।
(Liver diseases) लिवर की बीमारियां
स्लीप एप्निया के रोगी में नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजिज का खतरा बढ़ सकता है। इसका कारण है कि जब शरीर को निद्रा की समस्या होती है, तो यह लिवर में इंजेक्शन अनुमानित एल्कोहॉल प्रोड्यूस कर सकता है, जो फैट इकट्ठा करने की प्रक्रिया को बढ़ा सकता है। इससे नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजिज का खतरा बढ़ जाता है।
(Diabetes)
(Diabetes)
डायबिटीज में होने वाला इंसुलिन रेजिस्टेंस( insulin resistance) स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है। जिससे की इंसुलिन रेजिस्टेंस से ग्लूकोज को खूबसूरती से प्रोसेस करने में मुश्किल होती है, जो फिर से शरीर को संतुलित रूप से नहीं खिलाया जा सकता है, जिससे की वजन बढ़ सकता है, जो फिर स्लीप एपनिया का कारण बनता है। इसके अलावा, इंसुलिन रेजिस्टेंस स्लीप एपनिया के लक्षणों को भी बढ़ा सकता है
(Obesity) मोटापे की परेशानी
मोटापा और पीसीओएस (पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) की समस्याएं गहरी तरह से जुड़ी हो सकती हैं। पीसीओएस वाली महिलाओं में अधिक वजन और विषम निम्नता के साथ संबंधित अनियमित नींद की समस्याएं हो सकती हैं। इसका कारण हो सकता है हार्मोनल असंतुलन और डायबिटीज जैसी अन्य संबंधित समस्याएं। इसके अलावा, अधिक वजन वाले लोगों में अपने आप में नींद की कमी का खतरा बढ़ जाता है, जो फिर नींद से जुड़ी समस्याओं को और भी बढ़ा सकता है।
Sleep apnea का सही समय पर इलाज न करने से होती है यह परेशानियां
स्लीप एप्निया एक सीरियस स्वास्थ्य सेजुड़ी समस्या है, जो ना केवल सोने की क्षमता को हानि करती है, बल्कि यह अन्य- अन्य प्रकार कि बीमारियों का भी कारण बन सकती है। महिलाओं में स्लीप एप्निया के लक्षणों का नजरअंदाज करना और उसका इलाज़ न करना उनके लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारियाँ, और दिमागी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकती है। इसलिए, स्लीप एप्निया के लक्षणों को गंभीरता से लेना और उपचार के लिए समय रहते में चिकित्सा परामर्श लेना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है।
PCOS का सामान्य लक्षण हैं, वजन बढ़ना, अनियमित पीरियड्स, और हार्मोनल असंतुलन। कुछ उपायों को ध्यान में रखना चाहिए:-
1.स्वस्थ आहार: संतुलित आहार लें, जिसमें पूरे अन्न, सब्जियां, फल, प्रोटीन, और हेल्दी तेल शामिल हों।
2.व्यायाम: नियमित व्यायाम करें, जैसे कि योग, ध्यान, या व्यायाम।
3.वजन प्रबंधन: अत्यधिक वजन कम करें, क्योंकि यह PCOS के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
4.दवाओं का सेवन: डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें, जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल्स या अन्य हार्मोनल इलाज़।
5.नियमित जांच: डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं और उनकी सलाह का पालन करें।
यदि आपको PCOS के लक्षणों का सामना हो रहा है, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें । वह आपको सही इलाज़ करेंगे।
PCOS के specialist doctor
आपके शहर या सिटी में PCOS के specialist डॉक्टर का नाम जानने के लिए आपजिस स्थान से हों तो वहीं के अस्पताल, चिकित्सा सेंटर या ऑनलाइन स्वास्थ्य सेवाओं के वेबसाइट पर खोज कर सकते हैं। आपको वहां पर PCOS और एंडोक्राइनॉलॉजी specialist की लिस्ट मिलेगी, और आप अपने पसंदीदा डॉक्टर का नाम नोट कर सकते हैं।
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